विश्व सनातन वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष- बृजमोहन शर्मा और मुख्य महासचिव- श्रीमती गीता शर्मा द्वारा विजय नगर, आगरा रोड, जयपुर, राजस्थान निवासी "अमर सिंह पिंगोलिया" को "विश्व सनातन वाहिनी" के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया है।
इस मौके पर "अमर सिंह पिंगोलिया" ने कहा कि वे संघठन द्वारा निर्देशित किये गए उद्देश्यों एवं दिए हए दायित्वों का निर्वहन शुद्ध अन्तःकरण और सम्पूर्ण निष्ठा के साथ करेंगे।
"विश्व सनातन वाहिनी" के संस्थापक और मुख्य संरक्षक हैं "धर्माचार्य पं जगदीश भरद्वाज" इस सस्था के मूल उद्देश्यों के बारे में जो जानकारी "अमर सिंह पिंगोलिया" ने दी वो इस प्रकार है ।
1 समाज के व्यक्ति चाहे वह आम हो या खास उसके/उनके साथ, हमारी सनातन समाज के साथ किसी भी तरह के राजनैतिक व सामाजिक द्वेष एवं जातीय पूर्वाग्रह किसी भी तरह के दुर्व्यवहार उपेक्षा पक्षपातपूर्ण अनाचार होने पर पुरजोर विरोध करना,
उनका साथ देना, उनके पक्ष मे/ सनातन समाज के पक्ष में हमेशा खड़ा रहना, लड़ना संघर्ष करते हुए विजय हासिल करना ।
2। समाज के इतिहास के साथ छेड़छाड़ और सिनेमा टीवी और अन्य किसी संसाधनों के माध्यम से समाज की खराब की जा रही छवि का आक्रामक विरोध कर सुधार करवाना ।
3। ऐतिहासिक महापुरुषों के नाम मर्यादा गरिमा के साथ जुड़े किसी भी विवाद के विरुद्ध आवाज बुलंद करना ।
4। सामाजिक मुद्दे पर समाज में एकजुटता स्थापित करने का प्रयास, समाज मे लोकतंत्र अनुरुप राजनीतिक चेतना का संचार करना राजनीतिक वर्चस्व स्थापित करना ।
5। सामजिक समरसता बनाये रखने और सनातन समाज का नेतृत्व वर्चस्व कायम रखने हेतु सभी समाज को साथ लेकर चलना ।
6। समाज की बालिकाओ में शिक्षा के लिए जागरूकता पैदा करना, बढ़ावा देना । बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ और जागृत कर ध्यान देना
7। मातृशक्ति को हर जगह अग्रिम सम्मानित स्थान उपलब्ध करवाते हुए उन्हें बराबरी का दर्जा देना ।
समाज की बेटीयो व महिलाओं के प्रति अमानवीय कृत्यो, शोषण,उनके साथ हो रहे असामाजिक तथ्यो के प्रति आवाज उठाना ।
8। युवा वर्ग को मंच देना तथा समाज के प्रति उनकी सोच को सामने लाने का प्रयास करना युवाओं को परंपरागत समाजिक संस्कारो पर चलने की प्रेरणा देते हुए, उन्हें नेतृत्व के लिए प्रोत्साहित करते हुए सहयोग देना।
9।ऐतिहासिक महापुरुषो की जयंती मनाना, उनके नाम से मंदिर भवन सड़क चौराहों का नामकरण करवाना, उनके नाम से सामुदायिक कल्याणकारी योजनाओं का शुभारंभ और प्रोत्साहन सहयोग देना,स्वर्ण समाज की भावी पीढ़ी रुप में युवाओ को उनके शौर्य और समाजिक गुणो से रूबरू करवाते उन्हें समाज का प्रेरक पुरुष रुप में स्थापना करना, और उनके नाम से रक्तदान जैसे अन्य मानव कल्याणकारी शिविर आयोजित करना ।
10। वैदिक सनातन धर्म के रक्षक पालक रुप में कार्य, गो सेवा, गो रक्षा करना और असहाय की सहायता करना ।
11। समाज की उभरती प्रतिभाओं को सम्मानित करना तथा उन्हें शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में मार्गदर्शन एवं समयानुकूल बेहतर कोचिंग फैकल्टी की व्यवस्था उपलब्ध करवाना ।
12।राष्ट्रीय स्तर पर सभी समाज के बँधुओ मे एकता बना कर एक मंच पर लाना ।
13। समाज के सभी वर्गो मे परस्पर सहयोग स्थापित कर समाज हित में कार्य करना।
14।राष्ट्रीय स्तर पर अराजनैतिक स्वंय सेवी संगठन तैयार कर मानव कल्याण मे सहभागिता देना।
15। समाज में व्याप्त समाजिक कुरीतियो एवं आडम्बरो जैसे दहेज प्रथा,अंधविश्वास ,अशिक्षा,महिला उत्पीड़न से मुक्ति दिलाने हेतु समाजिक चेतना का अभियान चलाना ।
16। समाज के प्रतिभावान बच्चो,कलाकारो,वरिष्ट जनो,महिलाओ,राजकिय अधिकारीयो,समाजिक कार्यकर्ताओं,समाज कि विशिष्ट प्रतिभाओ को सम्मान देना।
17 शिक्षा और रोजगार पर समाज के सभी वर्गों के गरीबो को :- सबसे मुख्य रुप में समाज के बच्चों के भविष्य से जुड़े शिक्षा व रोजगार मसले पर फैसले तक, हक अधिकार की लड़ाई लड़ना ।
18। समाज के द्वारा अपने देश के प्रति निष्ठावान व सभी समाज को साथ लेकर चलने का प्रयास करना, व भाई चारा बनाये रखना ।
19 पर्यावरण को शुद्धिकरण पेड़ पौधे वृक्ष सार्वजनिक स्थानों पर लग जाएगी।
20 समाज के सैनिक प्रशासनिक सेवानिवृत्त वृद्ध जनों को मान सम्मान करते हुए सरकार पर राज्य सरकारों से उनके लिए उनके अधिकार के लिए हमारा संगठन हमेशा लड़ाई लड़ेगा।
21- विश्व सनातन वाहिनी गैर राजनीतिक संगठन है इसका किसी प्रकार की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं रहेगा यह सिर्फ स्वर्ण समाज एवं अपने देश राज्य गरीब और हर व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए हमेशा लड़ेगा।